__ -महिमा महादेव की न्यारी -
महिमा महादेव की न्यारी
गाता "वासू" बने पुजारी।
जटा -जूट जो मस्तक धारी
नन्दी पर वह करे सवारी
वाम भाग है जिसका नारी
जड़-जीवोंका वह हितकारी
कितनी सुन्दर प्रतिमा प्यारी
महिमा महादेव की न्यारी
सर्पों को जिसने है पाला
रूद्राक्षों की पहने माला
अधरों पर हो विष का प्याला
वह देवों मे देव निराला
उससे ही गङ्गा अवतारी ।
जो डमरू की डम-डम ध्वनि पर
प्रचण्ड ताण्डव नृत्य कर सके
धक्-धक् जलती हुई अग्नि मे
कामदेव को हवन कर सके ।
है वह शङ्कर प्रलयंकारी ।
श्वेत वस्त्र है जिसको प्यारा
स्तुति करते ही देत सहारा
देवों में उस महादेव को
हृदय करे शत -नमन हमारा
[आज महाशिवरात्री के दिन
उस शिव को शत नमन हमारा ]
चिता -भस्म वह त्रिपुण्ड धारी
महिमा महादेव की न्यारी
गाता "वासू' बने पुजारी।
_______वासुदेव चिन्तामणि महाडकर
No comments:
Post a Comment