क्षितिज के पार -----
क्षितिज के पार
एक अंजाना विस्फोट
आश्चर्य से लोगोने देखा
कुछ ही क्षणों बाद / पहचानते हुए
किसी वृद्ध ने कहा -
"यह तो सूर्य है "
वसुंधरा को भी / ऊर्जा देने वाला
प्रतिक्षण / क्रमिक विकास
यह स्वयं करेगा
और कुछ ही घंटो में
पूर्ण प्रौढ़ हो जायेगा
तब इसके तेज मात्र से
कितने ही जीव / अशांत हो
आत्मोत्सर्ग करेंगे ।
ज्येष्ठ माह में / तब भी -
किसी मुंडेर पर / बैठा होगा
मात्र कबूतर -------
शांति का सन्देश देता हुआ ।
किन्तु सूर्य की / विशेषता है
प्रौढ़ता के बाद -
यह तेज को / स्वयं ही हरेगा
धीरे ----धीरे,,,,
असंख्य किरणपुंज
अपनेआप में समेटता हुआ
संध्याकाल में / मौन
मात्र प्रतीत होगा ।
फिर कुछ ही समय बाद -
अस्तमान से पहले ,
क्षितिज पर छोड़ देगा / प्रतिबिम्ब
चन्द्रमा के रुप में ------ ।
______ वासुदेव चिं महाडकर
क्षितिज के पार
एक अंजाना विस्फोट
आश्चर्य से लोगोने देखा
कुछ ही क्षणों बाद / पहचानते हुए
किसी वृद्ध ने कहा -
"यह तो सूर्य है "
वसुंधरा को भी / ऊर्जा देने वाला
प्रतिक्षण / क्रमिक विकास
यह स्वयं करेगा
और कुछ ही घंटो में
पूर्ण प्रौढ़ हो जायेगा
तब इसके तेज मात्र से
कितने ही जीव / अशांत हो
आत्मोत्सर्ग करेंगे ।
ज्येष्ठ माह में / तब भी -
किसी मुंडेर पर / बैठा होगा
मात्र कबूतर -------
शांति का सन्देश देता हुआ ।
किन्तु सूर्य की / विशेषता है
प्रौढ़ता के बाद -
यह तेज को / स्वयं ही हरेगा
धीरे ----धीरे,,,,
असंख्य किरणपुंज
अपनेआप में समेटता हुआ
संध्याकाल में / मौन
मात्र प्रतीत होगा ।
फिर कुछ ही समय बाद -
अस्तमान से पहले ,
क्षितिज पर छोड़ देगा / प्रतिबिम्ब
चन्द्रमा के रुप में ------ ।
______ वासुदेव चिं महाडकर
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