* सुभाषित--
अनारम्भो हि कार्याणां प्रथम बुद्धिलक्षणम् ।
आरब्धस्यान्तगमनं द्वितीयं बुद्दिलक्षणम् ।।
किसी भी कार्य का प्रारंभ ही न करना बुद्धिका प्रथम लक्षण है, (किन्तु ) प्रारंभ कर ही दिया तो उसे अंत तक लेजाना (पूर्ण करना ) बुद्धिका दूसरा लक्षण है ।
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